
Mhari Jaatni 歌詞
Mhari Jaatni - T. R. Panipat/Ruchika Jangir
Written by:Ruchika Jangir/T. R. Panipat/VR Bros
वा मटक मटक के चालेगी थोड़ी शर्मावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
वा मटक मटक के चालेगी थोड़ी शर्मावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
निकलेगी वा बनके रानी होजागा इस गात को पानी
थारे वरगे फेर कहगे माल का सूता से मरजाणी
रे पूरा रोप दिखाके वा जब पानी लेवन जावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
वा मटक मटक के चालेगी थोड़ी शर्मावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
जब वा गाल में चलेगी हलवे हलवे हलेगी
शाम ने आके अपने आप ने करेगी मेरे हवाले
रे सबके उपर होगी ना ते उसके वर्ग की पावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
वा मटक मटक के चालेगी थोड़ी शर्मावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
सचिन खत्री दुवे आला छोरा एंडी जाट का
जाट के खातिर पी रखा से पानी सतर घाट का
देव खत्री का गीता पे वा नाच दिखावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी
वा मटक मटक के चालेगी थोड़ी शर्मावेगी
या दुनिया खड़ी लख़ावेगी जब म्हारी जाटनी आवेगी